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2 Apr 2024 · 1 min read

“बादल”

“बादल”
बादल अब तो बरस जा,
बढ़ गया ताप तरस खा।
झुलस रहे तन-मन सारे,
अब कुछ तो हरष जा।

4 Likes · 3 Comments · 102 Views
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