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5 Jul 2023 · 1 min read

बादल (बाल कविता)

बादल (बाल कविता)
…………………………………………
मैं बादल से बोला, जब तुम आसमान में जाना
बिठा मुझे भी अपने ऊपर, सब दुनिया दिखलाना

सैर करूंगा मैं दुनिया की, जग भर में जाऊॅंगा
नदी समंदर सब देशों में हो -हो कर आऊॅंगा

बादल बोला मुझ पर बैठे तो फिर पछताओगे
जल से खाली हुआ जहॉं मैं ,धड़ से गिर जाओगे
_________________________________
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा , रामपुर ,उ.प्र.
मोबाइल 99976 15451

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