Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2017 · 1 min read

बात बाकी थी

कहां चले गए थे तुम।
मुझे अकेला छोड़ के।।
अभी मेरी बात बाकी थी ।।

रोशन बेशक थे चिराग ।
अधेंरी रात बाकी थी ।।

अभी बहुत दूर जाना था ।
तेरे संग इश्क की गलियों में

क्यूं छोड़ दिया हाथ मेरे अज़ीज़
अभी सांस बाकी थी ।।।

Language: Hindi
409 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं उसकी देखभाल एक जुनूं से करती हूँ..
मैं उसकी देखभाल एक जुनूं से करती हूँ..
Shweta Soni
नशा और युवा
नशा और युवा
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मैं तो महज आईना हूँ
मैं तो महज आईना हूँ
VINOD CHAUHAN
सियासी खेल
सियासी खेल
AmanTv Editor In Chief
बेटी-पिता का रिश्ता
बेटी-पिता का रिश्ता
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
दिलों में प्यार भी होता, तेरा मेरा नहीं होता।
दिलों में प्यार भी होता, तेरा मेरा नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
बचपन-सा हो जाना / (नवगीत)
बचपन-सा हो जाना / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
#प्रेरक_प्रसंग
#प्रेरक_प्रसंग
*Author प्रणय प्रभात*
हम कहाँ जा रहे हैं...
हम कहाँ जा रहे हैं...
Radhakishan R. Mundhra
*मनायेंगे स्वतंत्रता दिवस*
*मनायेंगे स्वतंत्रता दिवस*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
* सामने बात आकर *
* सामने बात आकर *
surenderpal vaidya
संत गाडगे संदेश
संत गाडगे संदेश
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*प्रबल हैं भाव भक्तों के, प्रभु-दर्शन जो आते हैं (मुक्तक )*
*प्रबल हैं भाव भक्तों के, प्रभु-दर्शन जो आते हैं (मुक्तक )*
Ravi Prakash
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
Shashi kala vyas
धरती को‌ हम स्वर्ग बनायें
धरती को‌ हम स्वर्ग बनायें
Chunnu Lal Gupta
शुभ रात्रि मित्रों
शुभ रात्रि मित्रों
आर.एस. 'प्रीतम'
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
ruby kumari
बुझलहूँ आहाँ महान छी मुदा, रंगमंच पर फेसबुक मित्र छी!
बुझलहूँ आहाँ महान छी मुदा, रंगमंच पर फेसबुक मित्र छी!
DrLakshman Jha Parimal
The Profound Impact of Artificial Intelligence on Human Life
The Profound Impact of Artificial Intelligence on Human Life
Shyam Sundar Subramanian
#लाश_पर_अभिलाष_की_बंसी_सुखद_कैसे_बजाएं?
#लाश_पर_अभिलाष_की_बंसी_सुखद_कैसे_बजाएं?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
Shreedhar
💐प्रेम कौतुक-460💐
💐प्रेम कौतुक-460💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कहां गए (कविता)
कहां गए (कविता)
Akshay patel
अहा! जीवन
अहा! जीवन
Punam Pande
गुब्बारे की तरह नहीं, फूल की तरह फूलना।
गुब्बारे की तरह नहीं, फूल की तरह फूलना।
निशांत 'शीलराज'
मेरे सपनों का भारत
मेरे सपनों का भारत
Neelam Sharma
तत्काल लाभ के चक्कर में कोई ऐसा कार्य नहीं करें, जिसमें धन भ
तत्काल लाभ के चक्कर में कोई ऐसा कार्य नहीं करें, जिसमें धन भ
Paras Nath Jha
दो जून की रोटी
दो जून की रोटी
Ram Krishan Rastogi
कोई आरज़ू नहीं थी
कोई आरज़ू नहीं थी
Dr fauzia Naseem shad
Loading...