Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2023 · 1 min read

*बात पसंद की हो तो तुम मुझे बहुत पसंद हो*

बात पसंद की हो तो
मुझे समन्दर की लहरें
बरसती बारिशें
फूलों की खुशबू
खेतों की सोंधी सोंधी महक
नदी-तालाब के किनारे
चांदनी रातें
दिल्लगी करना और
तुम्हारी निग़ाहों में डूब जाना
शिव प्रताप लोधी

Language: Hindi
80 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from शिव प्रताप लोधी
View all
You may also like:
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी
लक्ष्मी सिंह
लोगों को ये चाहे उजाला लगता है
लोगों को ये चाहे उजाला लगता है
Shweta Soni
छोड़ जाते नही पास आते अगर
छोड़ जाते नही पास आते अगर
कृष्णकांत गुर्जर
राम : लघुकथा
राम : लघुकथा
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
खुली आंखें जब भी,
खुली आंखें जब भी,
Lokesh Singh
एक बेहतर जिंदगी का ख्वाब लिए जी रहे हैं सब
एक बेहतर जिंदगी का ख्वाब लिए जी रहे हैं सब
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बेईमानी का फल
बेईमानी का फल
Mangilal 713
कामयाबी का नशा
कामयाबी का नशा
SHAMA PARVEEN
इतनी जल्दी दुनियां की
इतनी जल्दी दुनियां की
नेताम आर सी
किसकी कश्ती किसका किनारा
किसकी कश्ती किसका किनारा
डॉ० रोहित कौशिक
2895.*पूर्णिका*
2895.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*तुलसी तुम्हें प्रणाम : कुछ दोहे*
*तुलसी तुम्हें प्रणाम : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
ज़िंदगी हम भी
ज़िंदगी हम भी
Dr fauzia Naseem shad
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
*20वे पुण्य-स्मृति दिवस पर पूज्य पिता जी के श्रीचरणों में श्
*20वे पुण्य-स्मृति दिवस पर पूज्य पिता जी के श्रीचरणों में श्
*Author प्रणय प्रभात*
भजन
भजन
सुरेखा कादियान 'सृजना'
Jese Doosro ko khushi dene se khushiya milti hai
Jese Doosro ko khushi dene se khushiya milti hai
shabina. Naaz
"मैं" के रंगों में रंगे होते हैं, आत्मा के ये परिधान।
Manisha Manjari
चाय - दोस्ती
चाय - दोस्ती
Kanchan Khanna
सुख दुःख
सुख दुःख
विजय कुमार अग्रवाल
वेलेंटाइन डे समन्दर के बीच और प्यार करने की खोज के स्थान को
वेलेंटाइन डे समन्दर के बीच और प्यार करने की खोज के स्थान को
Rj Anand Prajapati
" ये धरती है अपनी...
VEDANTA PATEL
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
Subhash Singhai
मैं हूँ कि मैं मैं नहीं हूँ
मैं हूँ कि मैं मैं नहीं हूँ
VINOD CHAUHAN
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
Neelam Sharma
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
"चाह"
Dr. Kishan tandon kranti
*चाल*
*चाल*
Harminder Kaur
*तू भी जनता मैं भी जनता*
*तू भी जनता मैं भी जनता*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तू ठहर जा मेरे पास, सिर्फ आज की रात
तू ठहर जा मेरे पास, सिर्फ आज की रात
gurudeenverma198
Loading...