बात दिल की बयान होती है
ग़ज़ल
बात दिल की बयान होती है।
आँखों की भी ज़बान होती है।।
हर क़दम पर ही आज़माती, क्या।
ज़िन्दगी इम्तिहान होती है।।
पंख तो साथ बस निभाते हैं।
हौसलौं में उड़ान होती है।।
जिनकी मंज़िल पे हो नज़र, उनकी।
धूप भी सायबान होती है।।
अपनी मंज़िल गले लगाते ही।
छू सफ़र थकान होती है।।
घोलती है “अनीस” जो खुशबू।
वो ज़बां ज़ाफ़रान होती है।।
– अनीस शाह “अनीस”