बात करिए देश के गौरव जवानों की।
गज़ल
2122…….2122………2122….2
देश सारा जो है खाता उन निवालों की।
बात करिए देश के गौरव किसानों की।
शीत गर्मी और बारिश सब बराबर हैं,
है नहीं अवकाश कोई उन जवानों की।
जिंदगी खुश रंग है ये खुशनसीबी है,
कुछ मदद करिए कभी दुखियों गरीबों की।
एक होती राशि पर इंसान लाखों हैं,
कोई राजा, रंक बातें सब नसीबों की।
खोलकर दिल प्यार बाँटा दिलरुबा ने भी,
या खुदा किस्मत मुझे दे उन रकीबों की।
दूर हों दुश्वारियाँ फिर से खिले मुस्कान,
जोहते हैं वाट हम सब उन सबेरों की।
दुश्मनों की बात में मत जिक्र हो मेरा,
नाम मेरा आए जब हो बात मित्रों की।
गुनगुनाओ प्रेम मे मुक्तक गजल दोहे,
मैं हूँ ‘प्रेमी’ बात करता प्रेम गीतों की।
…..✍️ प्रेमी