बाते सुनाते हैं
जब जागते है ख्वाब
और बाते सुनाते है
तनहाइयों में बहारों को
यूँ आवाज देते हैं
फूलों में तितलियों का
अक्स दिखता है
आसमान गुलाबी
जमीं रंगरेज़ लगती है
तब जागते है ख्वाब
और बाते सुनाते है
उस पार सितारों से
सदाएँ आती हैं
कब मिलेगा वो जहाँ
अब दिल नहीं लगता यहाँ
मुद्दतों के बाद मिलना
और मिलकर भी न मिलना
तब जागते है ख्वाब
और बाते सुनाते है
जब सूरज डूब जाता है
अंधेरो में जुगनुओं की
चमक रंग लाती है
हर उजाला जादू जगाता है
सितारे भी वहाँ दूर
महफिल सजाते है
तब जागते हैं ख्वाब
और बाते सुनाते हैं