बहुत याद आते हो पापा
बहुत याद आते हो पापा
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जीवन में जब भी कोई, विपदा आती,
याद बहुत आते हो तुम।
खुशियां सारी और सब सुख,
तुमसे ही सब भाती,
याद बहुत आते हो तुम—-
त्यौहारों की रौनक तुमसे,
घर की सारी खुशियां तुमसे।
बिना तुम्हारे सब सूना-सूना
जीवन में झंकार है तुमसे।।
याद बहुत आते हो तुम—
पकड़ के मेरी उंगली को,
तुमने ही चलना सिखाया
जब में गिर जाती थी!
तो मुझको तुमने ही उठाया।।
याद बहुत आते हो पापा!
याद बहुत आते हो—–
सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर