Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2022 · 1 min read

” आशिक से अपने मिल कर तो देखो “

बहुत बन ठन कर राहों मे निकल जाते हो ,
कभी वक़्त हमसे मिलने को भी निकाल कर देखो ।

भले ही अपने दिल में मेरे लिए इश्क़ ना रखती हो ,
मगर मुझे याद किये बिना इक रोज़ जी कर तो देखो ।

माना की आज तुमको मुझसे कोई वास्ता नहीं रहा ,
मगर कभी मोहब्ब्त तो हमसे थी खुद से पूछ कर तो देखो ।

सूखी आँखों में आँसू छुपाये मुस्कुराती रहती हो ,
हमारे साथ कभी तन्हा नहीं थी याद कर तो देखो ।

बेवसी,लाचारी,मज़बूरी अपनी मुझसे बताती तो नहीं हो ,
मगर मुझसे दूर होने के बाद खुद की हालत तो देखो ।

Language: Hindi
3 Likes · 153 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from शिव प्रताप लोधी
View all
You may also like:
अज्ञानता निर्धनता का मूल
अज्ञानता निर्धनता का मूल
लक्ष्मी सिंह
........,?
........,?
शेखर सिंह
यूँही तुम पर नहीं हम मर मिटे हैं
यूँही तुम पर नहीं हम मर मिटे हैं
Simmy Hasan
आज होगा नहीं तो कल होगा
आज होगा नहीं तो कल होगा
Shweta Soni
सुहाग रात
सुहाग रात
Ram Krishan Rastogi
नारी अस्मिता
नारी अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
बाल कविता: नदी
बाल कविता: नदी
Rajesh Kumar Arjun
अकेला हूँ ?
अकेला हूँ ?
Surya Barman
जीवन जितना
जीवन जितना
Dr fauzia Naseem shad
जाने कैसे आँख की,
जाने कैसे आँख की,
sushil sarna
महबूबा से
महबूबा से
Shekhar Chandra Mitra
कांतिमय यौवन की छाया
कांतिमय यौवन की छाया
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
दोहे : प्रभात वंदना हेतु
दोहे : प्रभात वंदना हेतु
आर.एस. 'प्रीतम'
तुम्हीं  से  मेरी   जिंदगानी  रहेगी।
तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
Rituraj shivem verma
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
कृष्णकांत गुर्जर
दवा और दुआ में इतना फर्क है कि-
दवा और दुआ में इतना फर्क है कि-
संतोष बरमैया जय
द्वारिका गमन
द्वारिका गमन
Rekha Drolia
"परमात्मा"
Dr. Kishan tandon kranti
सफर की महोब्बत
सफर की महोब्बत
Anil chobisa
■ आज की बात...
■ आज की बात...
*Author प्रणय प्रभात*
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हँस लो! आज  दर-ब-दर हैं
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
दुष्यन्त 'बाबा'
आदतें
आदतें
Sanjay ' शून्य'
2515.पूर्णिका
2515.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"युद्ध नहीं जिनके जीवन में, वो भी बड़े अभागे होंगे या तो प्र
Urmil Suman(श्री)
चन्द्रयान 3
चन्द्रयान 3
Jatashankar Prajapati
Pain of separation
Pain of separation
Bidyadhar Mantry
मां, तेरी कृपा का आकांक्षी।
मां, तेरी कृपा का आकांक्षी।
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*ठहाका मारकर हँसने-हँसाने की जरूरत है【मुक्तक】*
*ठहाका मारकर हँसने-हँसाने की जरूरत है【मुक्तक】*
Ravi Prakash
मुसाफिर हो तुम भी
मुसाफिर हो तुम भी
Satish Srijan
Loading...