” आशिक से अपने मिल कर तो देखो “
बहुत बन ठन कर राहों मे निकल जाते हो ,
कभी वक़्त हमसे मिलने को भी निकाल कर देखो ।
भले ही अपने दिल में मेरे लिए इश्क़ ना रखती हो ,
मगर मुझे याद किये बिना इक रोज़ जी कर तो देखो ।
माना की आज तुमको मुझसे कोई वास्ता नहीं रहा ,
मगर कभी मोहब्ब्त तो हमसे थी खुद से पूछ कर तो देखो ।
सूखी आँखों में आँसू छुपाये मुस्कुराती रहती हो ,
हमारे साथ कभी तन्हा नहीं थी याद कर तो देखो ।
बेवसी,लाचारी,मज़बूरी अपनी मुझसे बताती तो नहीं हो ,
मगर मुझसे दूर होने के बाद खुद की हालत तो देखो ।