बहुत दिन हो गये
बहुत दिन हो गए , तुम पर कुछ न लिखा
हालात क्या रहे मेरे , तुमसे है रहा न छिपा
अब लिखूँगी लिख पढ़ूगी कुछ प्रेम इबारतें
आज तलक प्यार तेरे लिए दिल से न घटा
चाँद की बात करते हम ,पर मेरे चाँद तुम हो
मेरे सूने दिल में बजा करते , वो साज तुम हो
प्रेम की बारिकियां सीखी करती कभी तुमसे
इस पूरे जहाँ को छोड़ एक मेरे पास आप हो