Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2022 · 1 min read

बहुत कुछ लगता है

बहुत कुछ लगता है

ऐसा नहीं की जीवन बहुत सरल है
हर मनुष्य में अनेकों अंतर्द्वंद्व होते है
जरुरी नहीं की सही या ग़लत का हो
जरुरत और मजबूरी का भी होता है।

संघर्ष लगता है, स्थिति से उबरने में
प्रयासों के सिद्ध और सफल होने में
तथ्यों को पूर्ण रुप से प्रकट होने में
मंजिल को जानने और पहुंचने में।

धैर्य लगता है, सोच को दिशा मिलने में
विचारों के परिपक्व हो जाने में
सच्चे सिद्धान्तों को पूर्णत: जानने में
सही ज्ञान और दृष्टि के मिलने में।

वक्त लगता है, मानव को संवरने में
कोयले को चमकता हीरा बनने में
प्रकृति के नियमों को पूर्णतः जानने में
जीवन के मूल्यों का अहसास होने में।

त्याग लगता है, मन पर विजय पाने में
स्वार्थ से ऊपर जीवन को संवारने में
सत्य की राह पर अकेले चलने में
स्वयं और ईश्वर की खोज करने में।

अंततः हर अंतर्द्वंद्व सुलझ ही जाता है
मानव प्रबुद्ध पथ पर अग्रसर हो जाता है
जीवन के प्रयोजन को समझ पाता है
जीवन मंथन से अमृत निकल आता है।

Language: Hindi
1 Like · 196 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कितने चेहरे मुझे उदास दिखे
कितने चेहरे मुझे उदास दिखे
Shweta Soni
★लखनवी कृषि को दीपक का इंतजार★
★लखनवी कृषि को दीपक का इंतजार★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
मुझको इंतजार है उसका
मुझको इंतजार है उसका
gurudeenverma198
🙅लानत है🙅
🙅लानत है🙅
*प्रणय*
प्रदूषण-जमघट।
प्रदूषण-जमघट।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Discover the Tranquility of Jungle House in Mukteshwar
Discover the Tranquility of Jungle House in Mukteshwar
Rakshita Bora
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
कृष्णकांत गुर्जर
***
***
sushil sarna
रमेशराज की 11 तेवरियाँ
रमेशराज की 11 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
जिसने सिखली अदा गम मे मुस्कुराने की.!!
जिसने सिखली अदा गम मे मुस्कुराने की.!!
शेखर सिंह
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
आर.एस. 'प्रीतम'
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
अदब  नवाबी   शरीफ  हैं  वो।
अदब नवाबी शरीफ हैं वो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
वो ख्यालों में भी दिल में उतर जाएगा।
वो ख्यालों में भी दिल में उतर जाएगा।
Phool gufran
कवियों की कैसे हो होली
कवियों की कैसे हो होली
महेश चन्द्र त्रिपाठी
कल की तस्वीर है
कल की तस्वीर है
Mahetaru madhukar
गज़ल
गज़ल
करन ''केसरा''
तुम्हारा दूर जाना भी
तुम्हारा दूर जाना भी
Dr fauzia Naseem shad
3178.*पूर्णिका*
3178.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"सबकी नज़रों में एकदम कंगाल हूँ मैं ll
पूर्वार्थ
ईश्वर का लेख नियति से बदल गया
ईश्वर का लेख नियति से बदल गया
Trishika S Dhara
महकती नहीं आजकल गुलाबों की कालिया
महकती नहीं आजकल गुलाबों की कालिया
Neeraj Mishra " नीर "
*पत्रिका-समीक्षा*
*पत्रिका-समीक्षा*
Ravi Prakash
धरा प्रकृति माता का रूप
धरा प्रकृति माता का रूप
Buddha Prakash
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
Lokesh Sharma
हृदय द्वार (कविता)
हृदय द्वार (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
कर ही बैठे हैं हम खता देखो
कर ही बैठे हैं हम खता देखो
Dr Archana Gupta
"क्या बताएँ तुम्हें"
Dr. Kishan tandon kranti
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...