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6 May 2018 · 1 min read

बहुत कुछ पार कर जाते हैं

बहुत कुछ
पार कर
जाते हैं हम

उम्र के लंबे
पड़ाव
वक़्त की पिघलती
कतारें

ईर्ष्या, क्रोध,द्वेष
के घने, स्याह
जंगल

संवेदनाओं की
शून्यता
दंभ के
ऊँचे दुर्गम पहाड़

मर्यादाओं की हदें
रक्त रंजित
श्मशान की चौखटें

चाँद को
छुए जाने के
कानून

नहीं
पार
कर पाते हैं हम

रिश्तों के
चारो ओर
खिंचे घेरे

अहमं की
मज़बूत दीवारें

बेवस आँखों
की गहराई
हृदय के बीच
खुदी गहरी
खाई

गालों पर ठहरे
खारे समंदर
मन की
सूनी देहरी

चेहरों पर
तज़ुर्बों की
खिचीं रेखाएं
मज़हबों की
सरहदें

और
ख़ुश्क ठोस बर्फ सी
प्रेम की चट्टानें,,,

Language: Hindi
358 Views
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