Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Aug 2021 · 1 min read

बहुआयामी व्यक्तित्व

मेरे वो सब साथी बेचैन अजनवी से दिखाई पड रहे है जो
मुझे जानने के हर कदम दावा, साथ रहने की इबादत लिखते रहे.
आज तवज्जो नहीं, मेरे हालात की,
वे मस्त है खुद में, मेरी चेष्टा बहुमुखी बहुआयामी व्यक्तित्व वाली है.

Language: Hindi
4 Likes · 3 Comments · 518 Views
Books from Mahender Singh
View all

You may also like these posts

होली है !!!
होली है !!!
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
4223.💐 *पूर्णिका* 💐
4223.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
विवशता
विवशता
आशा शैली
इतनी बिखर जाती है,
इतनी बिखर जाती है,
शेखर सिंह
चाह की चाह
चाह की चाह
बदनाम बनारसी
अपनी नज़र में
अपनी नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
अपने ही चमन के फूल थे वो
अपने ही चमन के फूल थे वो
Mahesh Tiwari 'Ayan'
*त्रिशूल (बाल कविता)*
*त्रिशूल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
झाग की चादर में लिपटी दम तोड़ती यमुना
झाग की चादर में लिपटी दम तोड़ती यमुना
Rakshita Bora
गजल
गजल
जगदीश शर्मा सहज
प्रतिभा की विशेषताएँ
प्रतिभा की विशेषताएँ
Rambali Mishra
अग्रसेन जी की आरती।
अग्रसेन जी की आरती।
Dr Archana Gupta
आप चाहे हज़ार लाख प्रयत्न कर लें...
आप चाहे हज़ार लाख प्रयत्न कर लें...
Ajit Kumar "Karn"
भरे मन भाव अति पावन, करूँ मैं वंदना शिव की।
भरे मन भाव अति पावन, करूँ मैं वंदना शिव की।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मंथन
मंथन
सोनू हंस
- आंसुओ की कीमत -
- आंसुओ की कीमत -
bharat gehlot
23. गुनाह
23. गुनाह
Rajeev Dutta
*कन्या पूजन*
*कन्या पूजन*
Shashi kala vyas
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
कि लड़का अब मैं वो नहीं
कि लड़का अब मैं वो नहीं
The_dk_poetry
" जख्म "
Dr. Kishan tandon kranti
शराब की दुकान(व्यंग्यात्मक)
शराब की दुकान(व्यंग्यात्मक)
उमा झा
In life ever enjoy & cheer everybody Wish you lot's Happy ne
In life ever enjoy & cheer everybody Wish you lot's Happy ne
Rj Anand Prajapati
तुम्हारा स्पर्श
तुम्हारा स्पर्श
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
थे हम
थे हम
सिद्धार्थ गोरखपुरी
राम तेरी माया
राम तेरी माया
Swami Ganganiya
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
जन्मपत्री
जन्मपत्री
Dr MusafiR BaithA
आने दो कुँवार, खिलेगी सुनहरी धान
आने दो कुँवार, खिलेगी सुनहरी धान
Shreedhar
जागे जग में लोक संवेदना
जागे जग में लोक संवेदना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...