* बहाने आते हैं*
ना जाने कितने बहाने आते हैं उन्हें बनाने के लिए।
कोई अजीव रास्ता ढूंढ़ लेते हैं मुकर जाने के लिए।।
हाथ उठा उठाकर कसमें खाते है पैदा करने वालों की
झूठे को ठौर बचती है कहीँ डूबकर मर जाने के लिए।।
हमें नहीं आता है अल्लाह से झूठा प्यार करना दोस्तों
एक खरा रास्ता बनाया है मोहब्बत निभाने के लिए।।
इसित्याक ए ग़र ख़ुशी है तो हमसे नजर मिलाओ जरा
कुदरत ने खाली दिया है क्या तुम्हें मुहँ बजाने के लिए।
दरखाश है पाल” साहब”आपसे हमारी ध्यान देना जरा
कोई आँख ना लगाये हमारे कीमती खजाने के लिए।।