*बहन और भाई के रिश्ते, का अभिनंदन राखी है (मुक्तक)*
बहन और भाई के रिश्ते, का अभिनंदन राखी है (मुक्तक)
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तुलसी की चौपाई समझो, यह कबीर की साखी है
हृदय गगन में उड़ने वाली, रंग-बिरंगी पाखी है
इसे एक कच्चे धागे का, बंधन केवल मत मानो
बहन और भाई के रिश्ते, का अभिनंदन राखी है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615 451