बस यूँ ही तेरा ख्याल आ गया
सावन को बादलों में
झूमते हुए जो देखा
बारिश की बूंदों को
मचलते हुए जो देखा
बस यूँ ही तेरा ख्याल आ गया
सुबह की नरम धूप में
फूलों को खिलते जो देखा
गुलाबी शाम की बाहों में
सूरज को ढलते जो देखा
बस यूँ ही तेरा ख्याल आ गया
बर्फ से ढकी पहाड़ियों को
चुपके से शर्माते जो देखा
झर- झर झरते झरनों को
नदिया से मिलते जो देखा
बस यूँ ही तेरा ख्याल आ गया