बस मनमानी है।
घर घर की यहीं कहानी है।
अदब लिहाज़ ना है बस मनमानी है।।1।।
मां बाप की बच्चे सुनते नही है।
बचाने के लिऐ सबकी दादी नानी है।।2।।
बेटा तो था ही निकम्मेंपन में।
बेटी भी फैशन की बड़ी दिवानी है।।3।।
एक रात में सितारा बनना है।
जाने कैसी होती जा रहीं जवानी है।।4।।
पता दो खत भेजना है खुदा को।
लिख कर बात अपनी बतलानी है।।5।।
मंदिर मस्जिद में सुनता नही है।
अब लिखके बताएंगे जो कहानी है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ