बस थोड़ा सा ताप चाहिए
बस थोड़ा सा ताप चाहिए
ठंडक अणुओं को बंधन देती गर्मी स्वातंत्र बढ़ाती है।
स्वतंत्रता के संवर्धन हित बस थोड़ा सा ताप चाहिए।
चार तत्व हो चुके प्रदूषित अब अग्नि तत्व ही बाकी है।
परदूषण बम नहीं थमा तो सब दुनियां ही नागासाकी है।
भूतल से गरीबी खत्म करें मेहनत का ऐसा चाप चाहिए।
अणुब्रत धारी हों दिगदिगंत ऐसा इनका परिमाप चाहिए।
आंख उठा कर इत उत देखो अच्छाईयों को उर में समेटो।
अच्छाइयों के संवर्धन हित प्रेरण भी अपने आप चाहिए।
कर्मठ बन कर पुण्य कमाओ परोपकार में जान लगाओ।
अब भ्रष्टाचार भगाने के हित नैतिकता का जाप चाहिए।
भूतल पर पानी बहता है शिखरों पर ठहरा रहता है।
यह गगन चढ़े बादल बनके खुशहाली बन करके बरसे।
सदाचार चाहिए असीमित पर दुराचार की माप चाहिए।
संविधान अच्छा है देश का कर्मों पर इसकी छाप चाहिए।
सांस्कृतिक धरोहर रक्षाहित वैज्ञानिकता की थाप चाहिए।
लिविन रिलेशन नहीं सराहो देश को नैतिक बाप चाहिए।
बस थोड़ा सा ताप चाहिए बस थोड़ा सा ही ताप चाहिए।