बस तुम ही तुम हो।
हमारी रूह में दाख़िल बस तुम ही तुम हो।
हर जज़्बात में शामिल बस तुम ही तुम हो।।1।।
जैसे फूल में अर्के खुशबू समायी रहती है।
यूं जिन्दगी का हासिल बस तुम ही तुम हो।।2।।
दुनियां में हर ज़ानिब बस तुम ही तुम हो।
जिन्दगी का कामिल बस तुम ही तुम हो।।3।।
जब भी उठाए हाथ तुम्हें ही बस मांगा है।
मेरी दुआ में नाजिल बस तुम ही तुम हो।।4।।
यूं कश्ती का साहिल बस तुम ही तुम हो।
मोहब्बत के आलिम बस तुम ही तुम हो।।5।।
गर हो इजाजत मैं तुझमें फना हो जाऊं।
मेरा सच ओ बातिल बस तुम ही तुम हो।।6।।
जिन्दगी में आदिल बस तुम ही तुम हो।
कोई नही मुक़ाबिल बस तुम ही तुम हो।।7।।
गुस्ताखी माफ करे खुदा मेरे गुनाहों की।
आयतों जैसे नाजिल बस तुम ही तुम हो।।8।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ