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3 Apr 2020 · 1 min read

बस कुछ ही दिनों की बात है

हिन्दी कविता
? कोरोना का कहर ?

बस कुछ ही, दिनों की तो यह बात है
मानव जीवन पर, थोड़ी सी घात है l

दिन कठिन समय के है,निकल जाऐंगे
यकीन है, दिन फिर से बदल जाऐंगे l

दूर रहकर भी,अपनों के पास हैं हम
दूर उन्हीं से हैं, जिनके खास हैं हम l

दामन संयम का, हमें है थामना
मिलकर करना, कोरोना का सामना l

हे परीक्षा, नहीं हमें घबराना है
बात इतनी सी, खुद को समझाना है l

दर्द आज धरा का , उभर आया है
हे प्रभु , बस तेरी एक छाया है l

लो”अंकनी”करती आज विनय पुकार
रहो घर में ही, गर तुमको खुद से प्यार l

जय हिंद जय भारत
डॉ. किरण पांचाल ( अंकनी )

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 881 Views
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