बस्ता
हिन्दी दोहे
बस्ता
बस्तों में सपने लिए,पढ़ते सारे छात्र।
कुछ पीछे हैं छूटते, कुछ होते हैं पात्र।
बस्ता में पुस्तक रखें, मन में रखें उमंग।
विद्यालय भरता सदा, जीवन में नव रंग।
बस्ता पुस्तक छात्र को, देते हैं शुभ ज्ञान।
इनसे ही वो सीखते, जीवन के अवदान।
ज्ञान पोटली छात्र की, बस्ता में है बंद।
जो जितना लगकर पढ़े, हो उतना सुख चंद।
जीवन में सुख चैन का, बस्ता है आधार ।
लगन और अभ्यास से, मिलता सुख संसार।
बोझा बस्ते का बढ़ा, परेशान हैं छात्र।
शिक्षा अब व्यापार है, सब कुछ पैसा मात्र।