Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Apr 2021 · 1 min read

बसंत

बसंत आया, बहार लाया
नवप्रभात संग हिय हर्षाया
अरुण की किरणें चमक रही
वन में चिड़िया चहक रही
मौसम ने नया चादर है बिछाया
कोयल ने नवगीत सुनाया
बसंत आया, बहार लाया
नवप्रभात संग हिय हर्षाया।

पेड़-पौधे सबरंग भरे
वन-उपवन में उमंग भरे
सप्तरंग सा छाया सबेरा
डाल-डाल पर खग का बसेरा
मयूर ने अद्भुत नाच दिखाया
देख-देख कर मन मुस्कुराया
बसंत आया, बहार लाया
नवप्रभात संग हिय हर्षाया।

वन-उपवन में छायी हरियाली
सोने सा चमक रही है डाली
शीतल हवाएँ चले सना-सन-सन
झरने झरते झर-झर-झर
पौधों ने नवपुष्प खिलाया
भौरों ने गन्धर्व रचाया
बसंत आया, बहार लाया
नवप्रभात संग हिय हर्षाया।

मौसम ने ली है अंगड़ाई
पौधों में हरियाली छाई
चिड़ियों ने घोसले बनाये,
वृक्षों में अपना भविष्य संजोए
पपीहे ने मधुर गीत सुनाया
खग-मृग ने अनुराग रचाया
बसंत आया, बहार लाया
नवप्रभात संग हिय हर्षाया।

-सुनील कुमार

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 504 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मोहे हिंदी भाये
मोहे हिंदी भाये
Satish Srijan
कँहरवा
कँहरवा
प्रीतम श्रावस्तवी
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
// अगर //
// अगर //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हो सके तो मुझे भूल जाओ
हो सके तो मुझे भूल जाओ
Shekhar Chandra Mitra
//एक सवाल//
//एक सवाल//
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
*हनुमान (बाल कविता)*
*हनुमान (बाल कविता)*
Ravi Prakash
" पीती गरल रही है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
🌸दे मुझे शक्ति🌸
🌸दे मुझे शक्ति🌸
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
गांव के छोरे
गांव के छोरे
जय लगन कुमार हैप्पी
*......हसीन लम्हे....* .....
*......हसीन लम्हे....* .....
Naushaba Suriya
* पानी केरा बुदबुदा *
* पानी केरा बुदबुदा *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नयनों मे प्रेम
नयनों मे प्रेम
Kavita Chouhan
भारत का ’मुख्यधारा’ का मीडिया मूलतः मनुऔलादी है।
भारत का ’मुख्यधारा’ का मीडिया मूलतः मनुऔलादी है।
Dr MusafiR BaithA
💐प्रेम कौतुक-447💐
💐प्रेम कौतुक-447💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
19, स्वतंत्रता दिवस
19, स्वतंत्रता दिवस
Dr Shweta sood
रमेशराज के मौसमविशेष के बालगीत
रमेशराज के मौसमविशेष के बालगीत
कवि रमेशराज
गज़ल (राखी)
गज़ल (राखी)
umesh mehra
जो हमने पूछा कि...
जो हमने पूछा कि...
Anis Shah
प्रभु नृसिंह जी
प्रभु नृसिंह जी
Anil chobisa
2232.
2232.
Dr.Khedu Bharti
पानी
पानी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रक्त से सीचा मातृभूमि उर,देकर अपनी जान।
रक्त से सीचा मातृभूमि उर,देकर अपनी जान।
Neelam Sharma
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
कवि दीपक बवेजा
हमें जीना सिखा रहे थे।
हमें जीना सिखा रहे थे।
Buddha Prakash
मे कोई समस्या नहीं जिसका
मे कोई समस्या नहीं जिसका
Ranjeet kumar patre
“सबसे प्यारी मेरी कविता”
“सबसे प्यारी मेरी कविता”
DrLakshman Jha Parimal
गांव का दृश्य
गांव का दृश्य
Mukesh Kumar Sonkar
आप तो गुलाब है,कभी बबूल न बनिए
आप तो गुलाब है,कभी बबूल न बनिए
Ram Krishan Rastogi
मुश्किल में जो देख किसी को, बनता उसकी ढाल।
मुश्किल में जो देख किसी को, बनता उसकी ढाल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...