Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2017 · 1 min read

बसंत

बसंत पंचमी पर्व पावन ।
वाग्देवी का होता पूजन ।।
बसंत ऋतु होती प्रारंभ ।
प्रकृति करती उत्सव आरंभ ।।
मौसम रहता सुहाना ।
मधुर लगता पक्षियों का चहचहाना ।।
प्राणी उल्लासित हो जाते ।
नदियाँ, झरने मंगलगान गाते ।।
फसल लहलहाती ।
वायु , वृक्षों को सहलाती ।।
बसंत सबको सम्मोहित कर लेता ।
प्रकृति का ये, श्रृंगार कर देता ।।
एक युगल के श्रृंगारित जोड़े सी ।
हरियाली चादर ओड़े सी ।।
स्वच्छंद प्रृकति , लगती मनभावन ।
प्रकृति का ये रूप पावन ।।
बसंत ही केवल प्रकृति को सजाता ।
ये स्वच्छंदता का मौसम, न लजाता ।।
इसका कितनों ने गुणगान किया ।
और अपनी कलम को सम्मान दिया ।।
पर विरले ही, सीमा तक जा पाए ।
जिनने अन्त:स्थलों में कमल खिलाए ।।
बसंत श्रृंगार है प्रकृति का ।
ये उपहार है प्रकृति का ।।
बसंत का लो सब आनंद ।
स्वच्छंद स्वच्छंद स्वच्छंद ।।

– नवीन कुमार जैन

Language: Hindi
606 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पंचतत्व का परमतत्व में विलय हुआ,
पंचतत्व का परमतत्व में विलय हुआ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
निराशा से बड़ी है आशा जो
निराशा से बड़ी है आशा जो
Sonam Puneet Dubey
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
Seema gupta,Alwar
भागमभाग( हिंदी गजल)
भागमभाग( हिंदी गजल)
Ravi Prakash
शीर्षक: लाल बहादुर शास्त्री
शीर्षक: लाल बहादुर शास्त्री
Harminder Kaur
दवा नहीं करते
दवा नहीं करते
Dr fauzia Naseem shad
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
ग़ज़ल _ मुहब्बत से भरे प्याले , लबालब लब पे आये है !
ग़ज़ल _ मुहब्बत से भरे प्याले , लबालब लब पे आये है !
Neelofar Khan
प्रभु के स्वरूप को आत्मकेंद्रित कर उनसे जुड़ जाने की विधि ही
प्रभु के स्वरूप को आत्मकेंद्रित कर उनसे जुड़ जाने की विधि ही
Rj Anand Prajapati
EVERYTHING HAPPENS AS IT SHOULD
EVERYTHING HAPPENS AS IT SHOULD
पूर्वार्थ
*हुस्न से विदाई*
*हुस्न से विदाई*
Dushyant Kumar
संबंध की एक गरिमा होती है अगर आपके कारण किसी को परेशानी हो र
संबंध की एक गरिमा होती है अगर आपके कारण किसी को परेशानी हो र
Ashwini sharma
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
Rekha Drolia
मेरे जीवन के इस पथ को,
मेरे जीवन के इस पथ को,
Anamika Singh
4291.💐 *पूर्णिका* 💐
4291.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
धार तुम देते रहो
धार तुम देते रहो
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
शेरनी का डर
शेरनी का डर
Kumud Srivastava
धर्म की खिचड़ी
धर्म की खिचड़ी
विनोद सिल्ला
"दुखद यादों की पोटली बनाने से किसका भला है
शेखर सिंह
टमाटर के
टमाटर के
सिद्धार्थ गोरखपुरी
🙅दोहा🙅
🙅दोहा🙅
*प्रणय*
चला गया
चला गया
Rajender Kumar Miraaj
सम्बन्ध
सम्बन्ध
Shaily
" परख "
Dr. Kishan tandon kranti
कितना
कितना
Santosh Shrivastava
इश्क़ में वक्त को बुरा कह देना बिल्कुल ठीक नहीं,
इश्क़ में वक्त को बुरा कह देना बिल्कुल ठीक नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इसके सिवा क्या तुमसे कहे
इसके सिवा क्या तुमसे कहे
gurudeenverma198
"तुम नूतन इतिहास लिखो "
DrLakshman Jha Parimal
जग की सारी बन्दिशें, चलो तोड़ दें आज ।
जग की सारी बन्दिशें, चलो तोड़ दें आज ।
sushil sarna
Loading...