बसंत पञ्चमी
??
बसंत आ गया देखो प्यारा बसंत आ गया
अंग-अंग में उमंग उमड़ी आज तो पिया,
बसंत आ गया देखो प्यारा बसंत आ गया।
??
दूर दूर तक खेत मुस्कुरा रहे हरे-हरे,
चलती बयार मधुर नव-सुगंध को धारण किये,
गा रहे पक्षी नवीन भावना कंठ में भरे,भाव।
??
आज तो विशुद्ध भाव मन मे देखो बह चला
प्यार तो हृदय समा गया देख प्रकर्ति को
अंग-अंग में उमंग उमड़ी आज तो पिया।
??
बसंत आ गया देखो प्यारा बसंत आ गया
खिल गया मेरा चमन अनेक फूल-पात से
झूम-झूम मौन गीत गा रहा गगन,मगन।
??
प्रकर्ति लजा रही उषा कि पर्व है बसंत
मिलन, आ गया समय बहार का, उमंग
विहार का नया नया नया बसंत देखो आ गया।
??
अंग-अंग में उमंग आज तो पिया,बसंत
आओ झूम झूम गाये आ गया प्यारा बसन्त
बसंत आ गया पिया मेरा प्यारा न्यारा बसन्त।
??