बसंत (आगमन)
शीर्षक – बसंत
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बसंत आया बहार लेकर,
पीले फूलों की सोच रखते हैं।
सच तो माँ सरस्वती की पूजा करते हैं।
सरसों के पुष्पों की हरियाली होती हैं।
मौसम की खूबसूरत धूप सुहानी लगती हैं।
बसंत संग पीले मीठे चावल का प्रसाद चखते हैं
अपनी अपनी परंपरा हम सबको भाती हैं।
सच तो मौसम के नजारे निगाहें उठाते हैं।
आज आधुनिक समय में हम बसंत समझते हैं।
मां सरस्वती की पूजा वंदना हम सभी करते हैं।
आधुनिक परिवेश में भी बसंत का महत्व होता हैं।
सच बसंत ऋतु में बहार का आगमन होता हैं।
मानव के साथ साथ हम कुदरत को समझते हैं।
सच तो बसंत ऋतु का आगमन मौसम बदलाव कहता हैं।
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नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र