बलात्कार
(1)एक आदमी के घर मे जब बेटी जन्म लेती है तो पिता के मन मे विचार उठते है :-
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आज घर मे मेरे
खुशहाली सी छाई है,
इक प्यारी नन्ही सी गुड़िया
मेरे घर पर आई है।
खूब पढ़ा लिखा इसको
अफसर में बनाऊंगा,
चाहे पानी पीकर के
में भूखा ही सो जाऊंगा।
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(2) बेटी के पहली बार पापा बोलने पर पिता के भाव…
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सबको आज पकवान खिलाओ
खुशनुमा दिन आया है,
पहली बार बेटी ने
पापा कहकर हाथ फिराया है।
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(3) आज बेटी ने बोर्ड की परीक्षा में पूरे जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया है,इस समय पिता के मन मे जो भाव उठ रहे है उनको देखेंगे….
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आज वात्सल्य प्रेम मेरा
मुख पे घुमड़कर आया है,
बेटी ने स्थान पहला
पूरे जिले में पाया है।
आज इस पावन मौके पर
ढोल नगाड़े बजवाऊंगा,
पूरे मोहल्ले को दे निमन्त्रण
पूरी खीर खिलाऊँगा।
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(4) आज बेटी पहली बार कॉलेज जाती है तो पिता उसको सिख देते हुए कहते है….
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चारो ओर कीचड़ फैला है
मेरी बात को मानना,
कॉलेज के दिन आये बेटा
पैर ना इसमे डालना,
अच्छी दोस्ती,अच्छी बातें
मनन करके चालना।
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(5) आज बेटी कॉलेज गई थी लेकिन वापस घर नही आई….
आज घर से बेटी गायब
दो दिन हो गए गए-गए,
नही जाती थी घर से बाहर
बिना किसी को बिना कहे।
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(5) तभी उसके घर पुलिस आती है कि पास ही गाँव के नाले में एक शव पड़ा मिला है। देखिये आगे क्या होता है…..
पुलिस से मुझको खबर मिली
पास गाँव मे शव मिला,
अठारह उम्र है उसकी
चेहरा उसका जला मिला।
पहुँचा वहां भागकर में
हुआ वही जिसका डर था,
पड़ी थी बुलबुल खुले आम
नोंच लिया उसका पर था।
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(6) नेताजी और मीडिया कर्मियों के आने पर….
गांव में संग्राम मच गया
नेताजी है आये हुए,
मीडिया कर्मी पीछे-पीछे
टीवी पर है छाए हुए।
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(7) दुष्कर्मी पकड़े गए लेकिन देखिये आगे..
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थोड़े दिन में पता चला
पकड़े गए यमदूत,
उनमे से एक निकला
नेताजी का बड़ा सपूत।
मीडिया भी शांत हो गई
चुप हो गई उनकी भड़क,
दो दिन में मिली गई जमानत
कुकर्मी घूमे सरेआम सड़क।
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(8) पिता ने बहुत प्रयास किया कि मेरी बेटी को न्याय प्राप्त हो लेकिन राजनैतिक कारणों से वह यह प्राप्त नही कर सका..
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बहुत जोर लगाया मैंने
पर षड्यंत्र का जाल मिला,
हर कोई इस तंत्र में
साँप,सन्त की खाल मिला।
नारी का सम्मान रहित
काले कोटो का दरबार हुआ,
बेटी के बाद बाप का
रोज ही बलात्कार हुआ।
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©कृष्ण सैनी