बर्बादी की कहानी
सब करके बर्बाद छीन के निवाला मुंह से
प्रगति को बदल अवनीति में सब तबाह किया
लाखों बने काल का ग्रास ऐसा कारनामा किया
बना कर ऐसा वायरस सबका सत्यानास किया
हो गए खत्म कारोबार लोग हुए घर से बेघर
अनाथ हुए कितने बच्चे कितनो के सुहाग छिने
क्या मिला करके ऐसा जो खुद को भी बर्बाद किया
न मिला इसके अंत का राज़ ये तो अभी पहने है
अपनी जीत का ताज बार बार फन उठा रहा चेता
जाग इंसान जाग मानवता को जगा न बन राक्षस
अब तो खोल आंखे अपनी ओर दिल के पट खोल
अन्नू जैन
अजमेर kishngrh