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24 Dec 2020 · 1 min read

बर्बादी की कहानी

सब करके बर्बाद छीन के निवाला मुंह से
प्रगति को बदल अवनीति में सब तबाह किया
लाखों बने काल का ग्रास ऐसा कारनामा किया
बना कर ऐसा वायरस सबका सत्यानास किया
हो गए खत्म कारोबार लोग हुए घर से बेघर
अनाथ हुए कितने बच्चे कितनो के सुहाग छिने
क्या मिला करके ऐसा जो खुद को भी बर्बाद किया
न मिला इसके अंत का राज़ ये तो अभी पहने है
अपनी जीत का ताज बार बार फन उठा रहा चेता
जाग इंसान जाग मानवता को जगा न बन राक्षस
अब तो खोल आंखे अपनी ओर दिल के पट खोल

अन्नू जैन
अजमेर kishngrh

8 Likes · 18 Comments · 469 Views
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