Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2019 · 1 min read

बरस रहे है बदरा,तरस रहा है मेरा चंचल मन –आर के रस्तोगी

बरस रहे है बदरा,तरस रहा है मेरा चंचल मन |
जाके कहीं ओर बरसों,लगाओ न तुम अगन ||

पास नहीं है मेरे सजन,जल रहा है मेरा बदन |
शांत होगी ये अगन,जब आ जायेगे मेरे सजन ||

डरा रही ये बिजरिया,धडक रहा है मेरा मन |
ऐसे में वे कैसे आयेगे,मेरे प्यारे प्यारे सनम ||

अँधेरी है राते,सूझ रहे है मुझको ये सारे यतन |
बिजली तुम रास्ता दिखाओ,जो आ जाये सजन ||

थम कर बरसना बादलो,जो आ सके मेरे सजन |
जम कर बरसना बादलो,जो जा न सके मेरे सजन ||

करता है रस्तोगी प्रार्थना,सावन में हो सबका मिलन |
हर विरहणी को मिले,हर सावन में उसका भी सजन ||

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम मो 9971006425brs

Language: Hindi
211 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
शहर बसते गए,,,
शहर बसते गए,,,
पूर्वार्थ
2371.पूर्णिका
2371.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
Ritu Asooja
बुक समीक्षा
बुक समीक्षा
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
माफ़ कर दे कका
माफ़ कर दे कका
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मन की परतों में छुपे ,
मन की परतों में छुपे ,
sushil sarna
सुनी चेतना की नहीं,
सुनी चेतना की नहीं,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
समझ ना आया
समझ ना आया
Dinesh Kumar Gangwar
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
Utkarsh Dubey “Kokil”
मैं खुश हूँ! गौरवान्वित हूँ कि मुझे सच्चाई,अच्छाई और प्रकृति
मैं खुश हूँ! गौरवान्वित हूँ कि मुझे सच्चाई,अच्छाई और प्रकृति
विमला महरिया मौज
हिन्दू एकता
हिन्दू एकता
विजय कुमार अग्रवाल
*माँ गौरी कर रहे हृदय से पूजन आज तुम्हारा【भक्ति-गीत 】*
*माँ गौरी कर रहे हृदय से पूजन आज तुम्हारा【भक्ति-गीत 】*
Ravi Prakash
गलतियों को स्वीकार कर सुधार कर लेना ही सर्वोत्तम विकल्प है।
गलतियों को स्वीकार कर सुधार कर लेना ही सर्वोत्तम विकल्प है।
Paras Nath Jha
रिश्ता चाहे जो भी हो,
रिश्ता चाहे जो भी हो,
शेखर सिंह
सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है
सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है
Atul "Krishn"
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हौसला
हौसला
Sanjay ' शून्य'
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
Shivkumar Bilagrami
हे मानव! प्रकृति
हे मानव! प्रकृति
साहित्य गौरव
यातायात के नियमों का पालन हम करें
यातायात के नियमों का पालन हम करें
gurudeenverma198
सब कुछ बदल गया,
सब कुछ बदल गया,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*पत्थरों  के  शहर  में  कच्चे मकान  कौन  रखता  है....*
*पत्थरों के शहर में कच्चे मकान कौन रखता है....*
Rituraj shivem verma
मुक्ति का दे दो दान
मुक्ति का दे दो दान
Samar babu
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
* तपन *
* तपन *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रमेशराज की कहमुकरियां
रमेशराज की कहमुकरियां
कवि रमेशराज
उसको फिर उससा
उसको फिर उससा
Dr fauzia Naseem shad
■ आज का विचार
■ आज का विचार
*Author प्रणय प्रभात*
THE B COMPANY
THE B COMPANY
Dhriti Mishra
जी चाहता है रूठ जाऊँ मैं खुद से..
जी चाहता है रूठ जाऊँ मैं खुद से..
शोभा कुमारी
Loading...