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18 May 2021 · 1 min read

बरसात___ लाई हूं,लाई हूं, जीवन ____गीत

“” बरसात —- एक संदेश””
मै आसमान की नन्ही बदरिया, भर के गगरिया लाई हूं।
सारे जग में नीर बहाने,दूर से चलकर आई आई हूं।।
*** लाई हूं लाई हूं ,जीवन सबका लाई हूं।।***
मेरे बिना कहां जीवन किसी का ,सभी तो मुझ पर निर्भर है।
बरस रही हूं धरा पे मैं अब, छाई खुशियां घर-घर है।।
वे भी भीगे तुम भी भीगो सबको भीगोने आई हूं।
***लाई हूं लाई हूं जीवन सबका लाई हूं।।***
नदी बहेगी झरने बहेंगे, हरियाली छा जाएगी।
तपे बहुत है सारे अभी तक, लाली चेहरे पे आएगी।
ठंडी पवन के संग में मैं तो शीतल जल ले आई हूं।।
***लाई हूं लाई हूं जीवन सबका लाई हूं।।***
काम है मेरा जीवन देना, नहीं किसी से कुछ लेती।
ख़गकुल तरुवर चलते मुझसे, होती मुझसे ही खेती।
बरस रही हूं आंगन आंगन, संदेश में अपना लाई हूं।
***आई हूं आई हूं जीवन सबका लाई हूं।।***
राजेश व्यास अनुनय

4 Likes · 10 Comments · 466 Views
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