Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2024 · 1 min read

” बरसात “

” बरसात ”

चाहा था कि भीगें तेरी बारिश में हम मगर,
अपने ही सुलगते हुए ख्वाबों में जले हैं।

1 Like · 1 Comment · 26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
फूलों के साथ महक का सच हैं।
फूलों के साथ महक का सच हैं।
Neeraj Agarwal
कोहरा
कोहरा
Dr. Mahesh Kumawat
😢आशंका😢
😢आशंका😢
*प्रणय*
जी तो हमारा भी चाहता है ,
जी तो हमारा भी चाहता है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
नित जीवन के संघर्षों से जब टूट चुका हो अन्तर्मन, तब सुख के म
नित जीवन के संघर्षों से जब टूट चुका हो अन्तर्मन, तब सुख के म
पूर्वार्थ
Inspiring Poem
Inspiring Poem
Saraswati Bajpai
*तपती धूप सता रही, माँ बच्चे के साथ (कुंडलिया)*
*तपती धूप सता रही, माँ बच्चे के साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कविता तुम से
कविता तुम से
Awadhesh Singh
चोर साहूकार कोई नहीं
चोर साहूकार कोई नहीं
Dr. Rajeev Jain
केशव
केशव
Dinesh Kumar Gangwar
श्याम भजन -छमाछम यूँ ही हालूँगी
श्याम भजन -छमाछम यूँ ही हालूँगी
अरविंद भारद्वाज
सीखा दे ना सबक ऐ जिंदगी अब तो, लोग हमको सिर्फ मतलब के लिए या
सीखा दे ना सबक ऐ जिंदगी अब तो, लोग हमको सिर्फ मतलब के लिए या
Rekha khichi
2) भीड़
2) भीड़
पूनम झा 'प्रथमा'
आंख से मत कुरेद तस्वीरें - संदीप ठाकुर
आंख से मत कुरेद तस्वीरें - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
* मंजिल आ जाती है पास *
* मंजिल आ जाती है पास *
surenderpal vaidya
3063.*पूर्णिका*
3063.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" खुशी में डूब जाते हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"मन की संवेदनाएं: जीवन यात्रा का परिदृश्य"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सोलह श्राद्ध
सोलह श्राद्ध
Kavita Chouhan
"बताया नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
शब्द लौटकर आते हैं,,,,
शब्द लौटकर आते हैं,,,,
Shweta Soni
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
Subhash Singhai
जिंदगी में हर पल खुशियों की सौगात रहे।
जिंदगी में हर पल खुशियों की सौगात रहे।
Phool gufran
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
विचार और भाव-2
विचार और भाव-2
कवि रमेशराज
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
अरशद रसूल बदायूंनी
भाई दूज
भाई दूज
Mamta Rani
Loading...