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10 Dec 2021 · 1 min read

बरसात

बरसात

मात्रा भार 16/13

उमड़- घुमड़ कर आते बादल ,
नाद कर जल बरसाते।
खग- विहंग की तृष्णा मिटती,
मयूरा नाच दिखाते ।

लपक- लपक कर बिजली कड़के, बादल गर्जता जाए।
मेघराज भी झूम-झूम के,
चहु दिशी जल बरसाए।

कभी छटकर सुंदर सलोनी,
बदरिया रास रचाए।
घूम_ घूम प्रीतम बादल भी ,
श्यामा मुख चुम आए ।

पवन सुहानी भी रथ बनकर,
दूर की सैर करावे।
कहीं मचावे घोर नाद अति,
कहीं कहर बरपावे ।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हि० प्र०)

Language: Hindi
186 Views
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