बरसात
बरसात
मात्रा भार 16/13
उमड़- घुमड़ कर आते बादल ,
नाद कर जल बरसाते।
खग- विहंग की तृष्णा मिटती,
मयूरा नाच दिखाते ।
लपक- लपक कर बिजली कड़के, बादल गर्जता जाए।
मेघराज भी झूम-झूम के,
चहु दिशी जल बरसाए।
कभी छटकर सुंदर सलोनी,
बदरिया रास रचाए।
घूम_ घूम प्रीतम बादल भी ,
श्यामा मुख चुम आए ।
पवन सुहानी भी रथ बनकर,
दूर की सैर करावे।
कहीं मचावे घोर नाद अति,
कहीं कहर बरपावे ।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हि० प्र०)