Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2021 · 2 min read

बरसात

हर इंसान के जीवन में
जज्बातों में होती है बरसात
आठ पहर की किसी घड़ी में
अपने मन होती बरसात l
अगर अकेले ऊब गया है
संग लेले थोड़ी बरसात l

दुखी हृदय पर बौछारें मारकर
मन हल्का करती बरसात l
जीवन सुख हो पर ना सूखा हो
इसलिए जरूरी है बरसात l
सब ऋतुओं में यही सुहानी
सचमुच प्यारी है बरसात l

कई दिलों में इसी के कारण
प्रेम की होती है शुरूआत
वन उपवन कल्याण कर रही
बहुत मधुर है यह बरसात l

ना जाने किस कारण से
जब हो जाती है ये नाराज
धारण कर लेती विकराल रूप
लाती प्रलय बन कर यमराज l
लू गर्मी में झुलसते धरती पुत्रों की
आह मांगती है इसे आज l
हाँ यही वो जीवनदायिनी
जिससे होते हैं उनके काज l
जल स्त्रोत सभी जो लुप्त हुए तो
जीवन का स्त्रोत बनी बरसात l

गर्मी से जब हो हाल बुरा
और उड़े हवा में धूल धुँआ
ऐसे हाल में हर जन का मन
जो चाहे वो है यह शुरुवात
इसीलिए तो छाये बादल
और बरस पड़ती है बरसात l

ऋतुओं का रहे चक्र अधूरा
अगर नहीं इसमें बरसात l
बहुत दिनों से इंतजार है
कब आएगी फिर बरसात l
हृदय में आन्नद उठा दो
जीवन शुष्क में रस बरसा दो
हे प्रभु, तुम कर दो बरसात l
अभी मौसम विभाग से मिली है सूचना
अब वर्षा के लिए नहीं ज़्यादा सोचना
तेज हवाओं के साथ बादल गर्जन,
टप टिप टप टिप टिप टप टप स्वर के साथ
शुरू हो गई है बरसात….आ गई फिर बरसात l

– राहुल प्रसाद

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 289 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
धैर्य के बिना कभी शौर्य नही होता है।
धैर्य के बिना कभी शौर्य नही होता है।
Rj Anand Prajapati
4161.💐 *पूर्णिका* 💐
4161.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रात
रात
SHAMA PARVEEN
धीरे _धीरे ही सही _ गर्मी बीत रही है ।
धीरे _धीरे ही सही _ गर्मी बीत रही है ।
Rajesh vyas
दोहा छंद
दोहा छंद
Yogmaya Sharma
आज का रावण
आज का रावण
Sanjay ' शून्य'
"कभी"
Dr. Kishan tandon kranti
*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
वे वादे, जो दो दशक पुराने हैं
वे वादे, जो दो दशक पुराने हैं
Mahender Singh
শিবকে নিয়ে লেখা কবিতা
শিবকে নিয়ে লেখা কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
तुम्हारे इश्क़ की तड़प जब से लगी है,
तुम्हारे इश्क़ की तड़प जब से लगी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बैठ सम्मुख शीशे के, सखी आज ऐसा श्रृंगार करो...
बैठ सम्मुख शीशे के, सखी आज ऐसा श्रृंगार करो...
Niharika Verma
प्राणियों में आरोग्य प्रदान करने की पूर्ण शक्ति रखने वाला आं
प्राणियों में आरोग्य प्रदान करने की पूर्ण शक्ति रखने वाला आं
Shashi kala vyas
परमूल्यांकन की न हो
परमूल्यांकन की न हो
Dr fauzia Naseem shad
*रामराज्य आदर्श हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)*
*रामराज्य आदर्श हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)*
Ravi Prakash
दोषी कौन?
दोषी कौन?
Indu Singh
😊 #आज_के_सवाल
😊 #आज_के_सवाल
*प्रणय*
26. ज़ाया
26. ज़ाया
Rajeev Dutta
विनती
विनती
Kanchan Khanna
.
.
शेखर सिंह
कविता
कविता
Neelam Sharma
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
हम में सिर्फ यही कमी है,
हम में सिर्फ यही कमी है,
अरशद रसूल बदायूंनी
A Picture Taken Long Ago!
A Picture Taken Long Ago!
R. H. SRIDEVI
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
SATPAL CHAUHAN
हमराही
हमराही
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
पीयूष गोयल में हाथ से लिखी दर्पण छवि में १७ पुस्तकें.
पीयूष गोयल में हाथ से लिखी दर्पण छवि में १७ पुस्तकें.
Piyush Goel
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
पूर्वार्थ
Bundeli Doha pratiyogita 142
Bundeli Doha pratiyogita 142
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...