बरसात आने से
बरसात आने से
भीनी भीनी सुगंध फैलती है
महक उठता है उपवन सारा
बरसात आने से
आ जाती है बहार
चारों ओर होती हरियाली
बरसात आने से
दिल में भी होती उमंग
खिल उठता है तन मन सबका
बरसात आने से
मुझ को वही मिलता अवसर
कुछ लिखने लिखाने का
बरसात आने से
होता सुन्दर मधुर आभास
खिलखिलाए जैसे संसार
बरसात आने से
जानलेवा गर्मी होती दूर
या ठंडक होती मौसम में
बरसात आने से
वह हर उम्र के लोगो में
कराती सुखद अहसास
बरसात आने से
बून्द की धुन में विभोर
लिखती मंजू कविता
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद
घोषणा:ये मेरी स्वरचित रचना है