“बरसती आंखे”
बरसात होती हैं आँखो से ,
जब एक औरत की उलाहना होती है…
बरसात होती हैं आँखो से,
जब उसका बनाया खाना
उसके ससुराल वालो को बेस्वाद लगता है ….
बरसात होती है आँखो से,
जब उसको बताया जाता की
करती हो क्या तुम घर पर रहकर सिवाय आराम के….
बरसात होती है आँखो से,
जब वो उसकी ख्वाहिशो को मारकर
दूसरो के लिए जीती हैं …..
बरसात होती हो आँखो से,
जब यह पुरूषप्रधान समाज
एक औरत के चरित्र पर ऊगली उठाता है….
बरसात होती है आँखो से,
और हमेशा होती रहेगी
पर बरसात होने के बाद
औरत के दिल की मिट्टी मे वो नमी आती है
ज़िससे वह मजबूत और मजबूत होती जाती है….
-सुरभी