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18 Feb 2024 · 1 min read

बरगद और बुजुर्ग

बरगद और बुजुर्ग

बहुत जरूरी घर में बरगद और बुजुर्ग
आओ करें हम सब इन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम।
नि:शब्द उपस्थित का सदा अहसास दिलाते
हम हरदम करें इनका सम्मान।
ये हमारी अनमोल विरासत हैं
आओ, हम इनका करें संरक्षण।
मकान को ये ही घर बनाते हैं
आओ, हम सब करें इनका अभिनंदन।
बरगद की छाँव बुजुर्गों की ठाँव
पवित्र नहीं किसी भी मंदिर से ये कम।
इनकी सेवा ही दायित्व हमारा
जिसे करना है हमें सदैव पूरा।
बहुत जरूरी घर में बरगद और बुजुर्ग
आओ करें हम सब इन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम।
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर छत्तीसगढ़

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