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20 May 2021 · 1 min read

बरखा तेरा दोष नहीं!!

बरखा, यूं तु ना आया करो,
हमसे नजर ना मिलाया करो।
देख तुम्हें याद आती हमें,
ठुकरा दिया था किसी ने हमें।
धोखा मिला है मोहब्बत में हमें,
तेरे आने से याद आ जाती हमें।
तु जो झर झर बरसती है,
देख मेरी नैना रोने लगती है।
गर्जती है बदरा जब,
देखता मैं नभ के ओर,
काले काले रंग देख उसके,
याद आती उसकी ख़ूबसूरत केशो के।
लहराते थे जो हर पल,
संग पवन के वेगो के,
ना आती तु बरखा ना बदरा आता,
ना ही होता फिर से दर्द मुझे।
छण से चमकती है बिजलीया,
दांत दिखा दिखा हंसती मुझ पे,
लगता बुरा बड़ा मुझे,
उसके खिलखीलाने से,
पर बेबस लाचार मैं,
तभ भी याद उसी की हि आती है,
बरखा तु आईं दर्द ले आई,
पर तेरा कोई दोष नहीं।

1 Like · 2 Comments · 346 Views
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