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10 Dec 2016 · 1 min read

“ बयान-ए-नज़र “

ऊपर वाले का जरा नाम ले,
दिल अपना भी जरा थाम ले,
देखे नहीं जाते अश्क तेरे,
अपने इन अश्को को थाम ले,
तेरे अश्क मुझे देखकर निकलते है,
मेरे तन्हाई में भी,
तू दिल के नहीं,
जरा दिमाग से काम ले,
डरता हु बदनाम हो न जाऊ,
अपनी नज़रो को ‘साहिब’ की जानिब,
आने से थाम ले,

Language: Hindi
194 Views
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