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9 Dec 2019 · 1 min read

बने भेड़िये मंत्री

बने भेड़िये मंत्री

लूट-खून दंगें कहीं,
चोरी भ्रष्टाचार !!
ख़बरें ऐसी ला रहा,
रोज सुबह अखबार !

पीड़ित पीड़ा में रहे,
अपराधी हो माफ़ !
घिसती टाँगे न्याय बिन,
कहाँ मिले इन्साफ !!

जहां कटोरी थी रखी,
वही रखी है आज !!
सौरभ मुझको देश में,
दिखता नहीं सुराज !!

बने भेड़िये मंत्री,
करते हरदम फेर !
कर पाए क्या फैसले,
अब जंगल में शेर !

✍ सत्यवान सौरभ

Language: Hindi
517 Views
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