©”बना लो.. अपनों का कवच.. अमित कुमार दवे, खड़गदा
©”बना लो..
अपनों का कवच..”
-©अमित कुमार दवे, खड़गदा
अपनों का..
संग व सानिध्य
इस काल में…
सुरक्षा कवच है..,
तो वहीं …
निरन्तरता लिए हुए..
दूर से ही सही
कुशलक्षेमादि संवाद
प्राणवायु का..
चमत्कारिक स्रोत है..!
विश्वास नहीं तो..।
परख कर ..
देख लो…!
बना के ..
अपनों का कवच,
कर सहज संवाद
जीवन को …
निर्मल-सरल
प्राणवायु से..
नित सिंच लो…!
©अमित कुमार दवे, खड़गदा