बना दिया
पहले तो रब ने चाँद सितारा बना दिया
उसको जमीं पे लाके हमारा बना दिया
छाया है मेरे घर में अँधेरा ही अंधेरा
आखिर ये किसने माले पे माला बना दिया
चाहा था जिसको मैंने बहुत दिल ओ जान से
उसने उसी के बच्चों का मामा बना दिया
भूखे को पेट भरके तो भोजन नहीं मिला
तस्वीर खींच उसका तमाशा बना दिया
जब साधु संत पक्षी पशु जानवर बने
बाकी बचा जो माल तो नेता बना दिया
महबूब सा नहीं है कोई कायनात में
सुंदर उसे यूँ हद से जियादा बना दिया
पत्थर था राह का मैं कदम तेरे जब पड़े
लोगों ने मेरे नाम शिवाला बना दिया
पागल हूँ ज्योति ज्योति रटूँ ज्योति ज्योति ही
क्या था मैं पहले और /आज मुझे क्या बना दिया