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14 Jan 2020 · 1 min read

बदल रहा इंसान

हर समय बदल रहा इंसान,
नकारात्मक हो गए सब इंसान।
समयचक्र में पीस जाते इंसान,
दोष भाग्य को दे जाते इंसान।
समय के आगे झुक जाते इंसान,
कितने भी बड़े हो जाय इंसान।
समय पे काम करें वो इंसान,
वही महान बन जाते इंसान।
जो कभी नही रुकते इंसान,
ओ कभी नही झुकते इंसान।
सजग कितने रहते इंसान,
निरन्तर बढ़ते वे इंसान।
समय के साथ चलें इंसान,
समय का सदुपयोग करें इंसान।
समय को ही धन समझे इंसान,
वही बने एक अच्छे इंसान।
~~~~~~◆◆◆~~~~~~~
रचनाकार-डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना,बलौदाबाजार (छ.ग.)
मो. ‌8120587822

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 268 Views
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