बदलती दुनिया
हमारी ये जगत, ख़लक
है पूरी तरह कुंडलाकार
हर लम्हे के संग संग ये
बदलती रही है ये भुवन
दुनिया में न कोई एदुजा
अपना इस जग संसार में।
इस जहान के कई अनूठा
दिलजस्वी मजेदार दास्ताँ
जिससे पता चलता यहां
इस भू, धरा की इतिहास
इतिवृत से हम मनुजों को
पूर्ववृत्तांत की अभिज्ञता ।
लोक पर कब हयातों की
शुरुआत हुई इस भव में
इसका भी कूत, कयास
लगाना भी बड़ी दुस्साध्य
हमारे वैज्ञानिकों की यत्न
सतत बदल रही है दुनिया ।
अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार