*बताओं जरा (मुक्तक)*
बताओं जरा (मुक्तक)
बताओ जरा प्यार रहता कहाँ है?
लिखा दो पता प्यार रहता जहाँ है।
जरूरी बहुत है समझना उसे बस।
दिखा दो शहर प्यार रहता जहाँ है।
चलेंगे अकेले डगर इक पकड कर।
अटल भाव मन से हमेशा संभल कर।
निगाहें चलेंगी इधर से उधर तक।
बढ़ाते रहेंगे कदम तेज चल कर।
न डरना डराना किसी को यहाँ है।
हृदय खोल कर नित्य बढ़ना जहाँ है।
न रुकना कभी भी सतत खोज जारी।
निरन्तर गगन तक मगन प्रिय जहाँ है।
उदासीन मुखड़ा कभी तो खिलेगा।
जिसे चाहता दिल कभी तो मिलेगा।
निराशा सदा मात खाए फिसल कर।
सफ़ल प्यार होगा सफल मन रहेगा।
बताओ जरा प्यार रहता कहा है
लिखा दो पता प्यार रहता कहा है
ऋतुराज वर्मा
प्रबंधक
सरस्वती प्राथमिक शिशु मन्दिर बहरिया प्रयागराज
मो.8953057283