बतलायें अब कौन !!
मुरझाये चेहरे सभी, बैठे सब क्यों मौन !
दहशत सी है क्यों यहां, बतलाये अब कौन !!
अमर हुए थे जो कभी, देकर अपनी जान !
घबराये वो आज क्यों, बतलायें अब कौन !!
आज कौन ये छल रहा, भारत के अरमान !
चेहरों पर नकाब चढ़े, बतलायें अब कौन !!
मिटे सदा ही आन पे, जिनको प्यारा देश !
मरकर भी वो हैं हँसे, बतलाये अब कौन !!
जीवन भर यूं ही जले, ये शब्दों के दीप !
बुझी न बुझकर आग ये, बतलाये अब कौन !!
बूँद-बूँद ये खून की, लगे देश के काम !
इतना सा अरमान हो, बतलाये अब कौन !!