*बतलाती दीपावली, रहो पंक्ति में एक (कुंडलिया)*
बतलाती दीपावली, रहो पंक्ति में एक (कुंडलिया)
_________________________
बतलाती दीपावली, रहो पंक्ति में एक
जीतोगे यदि एकता, सात्विक बुद्धि विवेक
सात्विक बुद्धि विवेक, बिखर मत जाना भाई
अंधकार है शत्रु, अमावस्या है छाई
कहते रवि कविराय, दीप की पंक्ति जिताती
रहो संगठित मित्र, दिवाली यह बतलाती
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451