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22 Jan 2024 · 1 min read

बढ़ता उम्र घटता आयु

बढ़ता उम्र घटता आयु
☘️☘️🙏🙏🍀🍀🌹🌹🍀🍀
बढ़ना घटना फिसल उठ जाना
जग जीवन तो आनाऔर जाना

आयुकम होता जब जिंदगी का
यादें पुरनी छुटती जाती जगका

चाहत पर जीवन दौड़ता जाता
राहत से सकुन मिलता रहता है

जीने की आस बढ़ता जाता है
दूजे पर आस मिटता जाता है

मांगने पर मिलता कुछ नहीं
बिन मांगे सब मिलता कभी

छोड़ चले जाते अपने हमेशा
दूजे पराये जुड़ हो जाते अपने

खफा-खफा कुछ दफा- दफा
छूटना टूटना विरह आलिंगन

सुख दुःख सांझ उषा का आंगन
बास बसेरा घर गृहस्थीकाजीवन

खुशी हर्ष विषाद जीने के संग
साथ रहकर भी कुछ भूल जाते

कुछ भुलाने पर भी नहीं भुलते
इंतज़ार में बीतता जीवन काल

राम सबरी बैर जूठन एक भोग
पूरा होता लम्बी इंतज़ार संयोग

कुछ गलत सही कुछ सही गलत
गलती पर गलती पर सीख बड़ी

गलती सलती जीवन पथ राही
थक थकान पूरी सफ़र जिंदगी

वक्त गुजरना तो तय है पर क्या
करना यह तय करना ही हमें है
🍀🍀🙏🙏☘️☘️🌹🌹
तारकेश्वर प्रसाद तरूण

Language: Hindi
130 Views
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
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