Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2024 · 1 min read

बड़े-बड़े सपने देखते हैं लोग

बड़े-बड़े सपने देखते हैं लोग
पर छोटी-छोटी बातों को वे
नज़र अंदाज़ कर देते हैं…
वे यह नहीं जानते कि
बड़ी मंज़िल हासिल करने के इरादे में,
छोटी-छोटी मूल्यों का भी
समाविष्ट होना कितना जरूरी है…
…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 57 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
Dr. Alpana Suhasini
छू कर तेरे दिल को, ये एहसास हुआ है,
छू कर तेरे दिल को, ये एहसास हुआ है,
Rituraj shivem verma
तुम्हें संसार में लाने के लिए एक नारी को,
तुम्हें संसार में लाने के लिए एक नारी को,
शेखर सिंह
कभी हमको भी याद कर लिया करो
कभी हमको भी याद कर लिया करो
gurudeenverma198
* आए राम हैं *
* आए राम हैं *
surenderpal vaidya
कहें किसे क्या आजकल, सब मर्जी के मीत ।
कहें किसे क्या आजकल, सब मर्जी के मीत ।
sushil sarna
कहां गयी वो हयादार लड़कियां
कहां गयी वो हयादार लड़कियां
shabina. Naaz
नदी से जल सूखने मत देना, पेड़ से साख गिरने मत देना,
नदी से जल सूखने मत देना, पेड़ से साख गिरने मत देना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
चाहता हूं
चाहता हूं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
संवेदना ही सौन्दर्य है
संवेदना ही सौन्दर्य है
Ritu Asooja
"तेरी नजरें"
Dr. Kishan tandon kranti
अंधेरे का रिसाव
अंधेरे का रिसाव
Kshma Urmila
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
Bhupendra Rawat
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३)
Kanchan Khanna
परिवर्तन का मार्ग ही सार्थक होगा, प्रतिशोध में तो ऊर्जा कठोर
परिवर्तन का मार्ग ही सार्थक होगा, प्रतिशोध में तो ऊर्जा कठोर
Ravikesh Jha
कुण्डलिया छंद #हनुमानजी
कुण्डलिया छंद #हनुमानजी
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
जीवन के पल दो चार
जीवन के पल दो चार
Bodhisatva kastooriya
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
इशरत हिदायत ख़ान
2735. *पूर्णिका*
2735. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैया का जगराता- भजन- रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
मैया का जगराता- भजन- रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
यदि आपका आज
यदि आपका आज
Sonam Puneet Dubey
*हमेशा जिंदगी की एक, सी कब चाल होती है (हिंदी गजल)*
*हमेशा जिंदगी की एक, सी कब चाल होती है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Phool gufran
वतन के लिए
वतन के लिए
नूरफातिमा खातून नूरी
निगाहें प्यार की ऊंची हैं सब दुवाओं से,
निगाहें प्यार की ऊंची हैं सब दुवाओं से,
TAMANNA BILASPURI
छवि के जन्मदिन पर कविता
छवि के जन्मदिन पर कविता
पूर्वार्थ
कहते हैं
कहते हैं
हिमांशु Kulshrestha
जैसे हम,
जैसे हम,
नेताम आर सी
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
Rekha khichi
जज्बात
जज्बात
Mamta Rani
Loading...