Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2023 · 1 min read

बड़ा रोग

कोई लाभ नहीं है
आपसे बात चीत करने
समय बर्बाद करने का
बेवकूफ बनाने का।
होगा तो वहीं जो आपने
गांठ में बाँध रखा,
कसम खा कर पहले से ही
जब सब कुछ तय कर रखा है,
आप खुद को ही सबसे बड़ा
बुद्धिमान समझ रहे हैं।
पर अब मुझे भी तो जान लीजिए
मैं भी बहुत जिद्दी हूँ
आप कुछ भी कर लो
कुछ भी सोच लो
पर मैंने भी कसम खा रखा है
आपके हथकंडों से ही
आपको मात देना मुझे आता है,
आप जैसों को औकात दिखाना
मुझे बहुत अच्छे से आता है,
क्योंकि भ्रष्टाचार और भ्रष्टों से
अपना कोई रिश्ता मुझे नहीं भाता है
बस! सत्य से अपना गहरा नाता है,
बेईमानों को आइना दिखाने की लत है मुझे।
नकली मुखौटे उतारते रहने का
बड़ा रोग लग गया है मुझे,
आप जैसे नकली ईमानदारों को
नंगा करने का नासूर हो गया है मुझे।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 191 Views

You may also like these posts

- एक शख्स -
- एक शख्स -
bharat gehlot
2853.*पूर्णिका*
2853.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हर किसी को नसीब नही होती ये जिंदगी।
हर किसी को नसीब नही होती ये जिंदगी।
Rj Anand Prajapati
यादें मोहब्बत की
यादें मोहब्बत की
Mukesh Kumar Sonkar
*Hail Storm*
*Hail Storm*
Veneeta Narula
*पंचचामर छंद*
*पंचचामर छंद*
नवल किशोर सिंह
मुलाकात
मुलाकात
Ruchi Sharma
जुल्फों पर दुप्पटा गिरा लेती है वो
जुल्फों पर दुप्पटा गिरा लेती है वो
Krishan Singh
–स्वार्थी रिश्ते —
–स्वार्थी रिश्ते —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
कैसा कोलाहल यह जारी है....?
कैसा कोलाहल यह जारी है....?
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
यादें
यादें
Dr fauzia Naseem shad
ऐसे कैसे हिन्दू हैं
ऐसे कैसे हिन्दू हैं
ललकार भारद्वाज
तूने ही मुझको जीने का आयाम दिया है
तूने ही मुझको जीने का आयाम दिया है
हरवंश हृदय
आचार्य अभिनव दुबे
आचार्य अभिनव दुबे
कवि कृष्णा बेदर्दी 💔
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
Ranjeet kumar patre
😊
😊
*प्रणय*
तुम जलधर मैं मीन...
तुम जलधर मैं मीन...
डॉ.सीमा अग्रवाल
उदासी की चादर
उदासी की चादर
Phool gufran
" परवाह "
Dr. Kishan tandon kranti
इंतजार किया है कितना
इंतजार किया है कितना
C S Santoshi
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
संजीव शुक्ल 'सचिन'
छठ पूजा
छठ पूजा
Satish Srijan
आवारा परिंदा
आवारा परिंदा
साहित्य गौरव
मर्दुम-बेज़ारी
मर्दुम-बेज़ारी
Shyam Sundar Subramanian
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
घर अंगना वीरान हो गया
घर अंगना वीरान हो गया
SATPAL CHAUHAN
शिव-शक्ति लास्य
शिव-शक्ति लास्य
ऋचा पाठक पंत
प्यारे मोहन
प्यारे मोहन
Vibha Jain
Nचाँद हमारा रहे छिपाये
Nचाँद हमारा रहे छिपाये
Dr Archana Gupta
अभाव और कमियाँ ही हमें जिन्दा रखती हैं।
अभाव और कमियाँ ही हमें जिन्दा रखती हैं।
पूर्वार्थ
Loading...