सितारों के बगैर
बड़ा तारा सा शुमार था उन दिनों फलक के तमाम सितारों में।
तौफ़ीक़ खुदा की आज ताबिन्दा चाँद बन गये हो तुम।
फिर भी रहना है आसमां में तारों के दरम्यां तुमको,
पूनम का चांद भी तन्हा रह जायेगा, सितारों के बगैर ।
सतीश सृजन
बड़ा तारा सा शुमार था उन दिनों फलक के तमाम सितारों में।
तौफ़ीक़ खुदा की आज ताबिन्दा चाँद बन गये हो तुम।
फिर भी रहना है आसमां में तारों के दरम्यां तुमको,
पूनम का चांद भी तन्हा रह जायेगा, सितारों के बगैर ।
सतीश सृजन